1 सितम्बर 2011
वाशिंगटन। अमेरिका में बसे सिख समुदाय से सम्बद्ध एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया है कि वह सिख विवाहों के अलग पंजीकरण के वास्ते कानून पारित करने के लिए भारत को राजी करे।
समूह 'सिख्स फॉर जस्टिस' (एसएफजे) ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में एक ज्ञापन दाखिल कर इस बारे में दखल देने को कहा। ज्ञापन में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र भारत को भारतीय संविधान की धारा 25 में संशोधन करके सिख धर्म का स्वतंत्र दर्जा बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करे।
एसएफजे के अनुसार भारत सरकार ने सिख शादियों के पंजीकरण के लिए यह कानून पास करने से इंकार कर दिया है जबकि मुस्लिम, पारसी, ईसाई और यहूदी शादियों के लिए भारत में विवाह के पंजीकरण के अलग-अलग कानून हैं।
एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू ने आरोप लगाया कि सिख धर्म को अलग धर्म के रूप में मान्यता देने के सिखों के संघर्ष को भारत सरकार ने सख्ती से कुचल दिया है।
एसएफजे ने 'प्राउड टू बी सिख' प्रचार अभियान भी शुरू किया है। जिसके तहत हस्ताक्षर जमा करने, समर्थन जुटाने तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा कथित तौर पर सिखों से किए जा रहे भेदभाव के बारे में विश्व समुदाय को अवगत कराना शामिल है।
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